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सिद्धो-कान्हू, फूलो-झानो,धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा और मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के बलिदान से सिंचित राज्य निर्माण के लिए सबसे लंबे संघर्ष के उपरांत अबुआ झारखण्ड 15 नवम्बर 2000 को झारखण्ड की जनता को प्राप्त हुआ,तत्पश्चात 20 नवम्बर 2000 को झारखण्ड विधानसभा अस्तित्व में आया| झारखण्ड राज्य का स्वर्णिम इतिहास लगभग 100 वर्ष से भी पुराना है, जो कई महान जन विद्रोहों की भूमि रही है| झारखण्ड ने देश के जनजातीय अन्दोलनों को एक नई गतिशीलता प्रदान की |संथालों का “महान विद्रोह”, हो विद्रोह और बिरसा के “उलगुलान” के पदचिन्हों का अनुकरण कर ओलम्पिक खेलो में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और संविधान सभा के सदस्